"कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।"
उत्तर प्रदेश का मेरठ न केवल अंग्रेजों के विरूद्ध क्रांति का साक्षी है, अपितु अनेकों धार्मिक और सांस्कृतिक स्थानों को ही सहेजे हुए हैं। मेरठ का "सूरज कुंड" एक ऐसा ऐतिहासिक क्षेत्र हैं, जो वर्षों से यहां विद्यमान है और अनेकों पौराणिक मंदिरों को अपने परिसर में समेटे हुए है। यह मेरठ के एक प्रमुख दर्शनीय स्थल के रूप में विख्यात है, जहां देवों के देव महादेव का स्वयंभू स्वरूप "बाबा मनोहर नाथ" अपने भक्तों के लिए विराजमान हैं।
भाजपा युवा नेता शुभम कौशिक ने हाल ही में पवित्र श्रावण मास में देवों के देव महादेव भगवान मनोहर नाथ जी विधिवत मंत्रोच्चार के साथ रुद्राभिषेक कर आशीर्वाद प्राप्त किया। भगवान शिव को समर्पित श्रावण के पुण्य मास में शुभम कौशिक ने सूरजकुंड की पावन धरा से सभी सनातनी बंधुओं को प्रणाम किया और कहा कि भगवान भोलेनाथ समस्त विश्व का कल्याण करें।
उल्लेखनीय है कि 17वीं शताब्दी में निर्मित हुए सूरजकुंड का निर्माण मेरठ के एक व्यापारी जवाहर लाल के द्वारा कराया गया था। कुछ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि यह वही पवित्र कुंड है, जहां महादानी कर्ण ने अपने कवच और कुंडल सूर्य देवता को अर्पण कर दिए थे। "बाबा मनोहर नाथ" मंदिर इसी कुंड के निकट स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है, जहां बाबा अपने स्वयंभू स्वरूप में विराजमान हैं।