सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौ. विश्वविद्यालय,मेरठ के प्रांगण में भारत के जल संसाधन: मुद्दे, चुनौतियां एवं समाधान विषय पर आयोजित संगोष्ठी के अंतर्गत मा मोहन भागवत जी, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुलपति आर के मित्तल जी, पूर्व कुलपति चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय एन के तनेजा जी ने दीप प्रज्वलित कर आज के कार्यक्रम का शुभारम्भ किया तथा नदीपुत्र रमन कांत जी की पुस्तक ‘भारत के जल संसाधनः मुद्दे, चुनौतियां व समाधान’ का विमोचन किया।
इस अवसर पर स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक डा. मोहन भागवत जी ने अपने विचारों को संगोष्ठी में प्रकट किया। उन्होंने कहा कि पानी के लिए देश में बड़े-बड़े बांध बनाए गए हैं। जिससे असंतुलन की स्थिति बन गई है। कहीं पानी की कमी दूर हो गई है, जबकि कहीं किल्लत भी हो गई है। पानी को लेकर झगड़े शुरू हो गए हैं। जबकि नदी के पानी पर सबका अधिकार होता है। हमें इन सब बातों के निदान पर विचार करना होगा।
वहीं इस मौके पर माननीय स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने मंच से कहा कि पिघलते ग्लेशियर और ग्लोबल वार्मिग जल संकट की विभीषिका को बयाँ कर रहे हैं. निःसंदेह दुनिया विकास के मार्ग पर अग्रसर है, लेकिन कई शहरों में लोगों को स्वच्छ जल मिलना कठिन हो रहा है इसलिये जल आन्दोलन को जन आन्दोलन बनाना बेहद जरूरी हो गया है।
कार्यक्रम में मौजूद युवा भाजपा नेता शुभम कौशिक ने कार्यक्रम के आयोजन और पुस्तक के विमोचन के लिए बड़े भाई रमन कांत जी को अन्नत शुभकामनाएँ प्रेषित की और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कार्यक्रम समनव्यक श्री नवीन प्रधान जी के प्रति हार्दिक आभार प्रकट किया। वहीं शुभम कौशिक ने कहा कि संगोष्ठी में परम पूजनीय सरसंघचालक आ. श्री डॉ. मोहन भागवत जी एवं स्वामी चिदानंद जी का स्वागत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ एवं प्रेरक मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ, जिसके लिए वह आयोजकों के प्रति तहे दिल से शुक्रिया करते हैं।